हर पल तुम तो विचरा करते चैन न लेने देते हो जैसे भटकता कोई राही मिले न मंजिल जब तक। हर पल तुम तो विचरा करते चैन न लेने देते हो जैसे भटकता कोई राही मिले न मंजिल जब ...
धरती का कण कण पवित्र है धरती का कण कण पवित्र है
मेरा समय निकलने लगा देखभाल में ... दाना, पानी रखना ... कभी न भूलती मेरा समय निकलने लगा देखभाल में ... दाना, पानी रखना ... ...
उसका गीत गाके महफिल सजा लेती हूं ये कविता लिख कर पा लिया करती हूँ उसे उसका गीत गाके महफिल सजा लेती हूं ये कविता लिख कर पा लिया करती हूँ उसे
मैं जीना सीख गई हूं मैं अपनी कहानी से सन्तुष्ट हूं । मैं जीना सीख गई हूं मैं अपनी कहानी से सन्तुष्ट हूं ।
खुदको साबित करके उड़ाने है सबके होश। खुदको साबित करके उड़ाने है सबके होश।